आसमाँ के पार
प्रेम, पहचान और अपनेपन की कहानी
भारतीय क्रिकेट की पृष्ठभूमि में स्थित एक उपन्यास
लेखिका के अंग्रेज़ी उपन्यास The Girls Who Bled Blue का स्व-अनुवादित हिंदी संस्करण

कवर चित्रण और डिज़ाइन: सोलंकी हलदर
सिमरन सिंह की प्रतिभा अनोखी है, लेकिन वह एक ट्रांस लड़की है जो भारतीय पुरुष टीम में खेलती है। तान्या जमीर उसकी बचपन की दोस्त और अब जीवनसाथी है, जो भारतीय महिला टीम के लिए खेलती है। स्कूल के मैदानों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियमों तक, उनके प्यार और साहस की परीक्षा एक ऐसे देश के सामने होती है जहाँ क्रिकेट के करोड़ों दीवाने हैं, और जहाँ उनकी अपनी पहचान भी किसी युद्ध से कम नहीं है।
अपनों की स्नेह भरी छाया से निकलकर, उनकी कहानी व्यक्तिगत सच्चाई और सामाजिक यथार्थ के बीच का रास्ता तलाशती है। और यह तलाश बल्ले और गेंद की आवाज़ से शुरू होकर दुनिया में उनके दिलों की शांत धड़कन के लिए जगह बनाती है।
स्वीकृति, ख्याति और सच्चाई की असली कीमत को परखता यह उपन्यास हमसे पूछता है कि पैरों के नीचे खिसकती इस दुनिया में आगे बढ़ने का और दुनिया की चकाचौंध के सामने अपनी सच्चाई जीने का क्या महत्त्व है।
इस उपन्यास पर अग्रिम समीक्षक की राय
“भारतीय क्रिकेट जगत में अपना सब कुछ दाँव पर लगाते हुए प्यार और स्वीकृति पाने की एक निडर यात्रा। आसमाँ के पार एक ऐसी प्रेम कहानी है जो भीतर की कोमलता और बाहरी कठोरता दोनों को दर्शाती है – दो लड़कियों के बीच प्यार की ऐसी दास्ताँ जो खुलकर जीने की कीमत को सच्चाई से सामने लाती है।”
चंद्रिमा दास
लेखिका की ओर से
“जब मैंने पहली बार सिमरन और तान्या की कल्पना की, तो मुझे एहसास हुआ कि सबसे पहले मुझे अपने ही एक सवाल का जवाब देना होगा: ऐसे दो लोग आखिर इस दुनिया में कैसे रह पाएँगे? इस सवाल की वजह से मैंने उन दोनों की अनोखी प्रतिभा के अलावा उनके आस-पास के लोगों के बारे में भी सोचना शुरू किया – उनके परिवार, स्कूल, दोस्त, मार्गदर्शक – जिनकी वजह से ऐसी ज़िंदगियाँ मुमकिन हो पाती हैं।”
लेखिका के बारे में
चित्रा माथुर मुंबई में रहने वाली एक लेखिका,
शिक्षिका और माँ हैं। आईआईटी बॉम्बे और आईआईएम अहमदाबाद की पूर्व छात्रा और एक क्वीयर ट्रांस महिला होने के नाते, वे अपने लेखन में वर्षों के शोध और व्यक्तिगत अनुभव का उपयोग करती हैं। आसमाँ के पार उनका पहला उपन्यास है।

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